" अपने गांव को एक चार्ट पर उतारना मतलब मानचित्र बनाना है इसका " किशोरी समूह " सितारा "
की हम सभी लडकिया ने जब हमारी संध्या दीदी कि ये बात सुनी तो सभी हँसने लगी | अपने ' इतने बड़े '
गांव को कागज़ पर कैसे बना सकते है भला ! फिर सबने एक - एक पेँसिल पकड़ , गांव कि गलियो , हमारे
स्कूल , पंचायत और उन्ही गलियो में अपने - अपने घरो में कारचोबी करती अम्मा और बहनो को महसूस
करना शुरू किया तो सच में गांव का नक्शा तैयार होने लगा फिर वो गालिया भी बनायीं जहा हम छोटे थे तो
खेलने जाते थे , अब तो बस घर और उसके आस -पास ही सहेलिया संग घूम पाते है |
अम्मी उन दूर गलियो में जाने नही देती .... कहती है कि सयानी हो गयी हो ... और वह जाने से भी डर लगता है |
गांव के मनचले लड़के बैठे रहते है वहाँ झुण्ड बनाकर | अम्मी ठीक ही मन करती है शायद |
हम उस गुलाबी कागज़ पर अपना गांव बना ही रहे थे , कि अचानक शू... कि आवाज़ करता हुआ
हवाईजहाज़ हमारे सर के ठीक ऊपर से गुजरा , और आसमान में उड़ते पक्षियों कि तरह एक दम नन्हा सा हो आँखों से ओझल हो गया | ऐसे हवाईजहाज़ कि सवारी करेंगे हम सब ..|